Author Details

Pen Name:'jigar'
Real Name:Ali Sikandar
Born:06 Apr 1890 | Moradabad, Uttar pradesh
Died:09 Sep 1960 | Gonda, Uttar pradesh
One of the most prominent pre-modern poets who enjoyed stunning popularity and fan-following.One of the most prominent pre-modern poets who enjoyed stunning popularity and fan-following.
तुम जानो तुम को ग़ैर से जो रस्म-ओ-राह हो
मुझ को भी पूछते रहो तो क्या गुनाह हो
एक सक्स था जो मुुुझेे पूरेे जहांमें दिखता था।
पर्दाक्या उठा पूरा जहांदिख रहा वो सक्स नहीं था।।
आँखों में नमी सी है चुप चुप से वो बैठे हैं
नाज़ुक सी निगाहों में नाज़ुक सा फ़साना है
लबों पे उस के कभी बद-दु'आ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझ से ख़फ़ा नहीं होती
ये सोचकर रोक लेता हूँ कलम को,
तेरी तारीफ लिखते लिखते,
कि कहीं इन लफ़्ज़ों को सबसे बेहतरीन
होने का गुमान ना हो जाये।
More Shayari
Motivational Shayari

नहीं तेरा नशेमन क़स्र-ए-सुल्तानी के गुम्बद पर,
तू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चटानों में।
~ अल्लामा इक़बाल
हौसले के तरकश में, कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख,
हार जा चाहे ज़िन्दगी में सब कुछ मगर फिर से जीतने की उम्मीद ज़िंदा रख।

नहीं तेरा नशेमन क़स्र-ए-सुल्तानी के गुम्बद पर,
तू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चटानों में।
~ अल्लामा इक़बाल
हिज्र को हौसला और वस्ल को फ़ुर्सत दरकार
इक मोहब्बत के लिए एक जवानी कम है

नहीं तेरा नशेमन क़स्र-ए-सुल्तानी के गुम्बद पर,
तू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चटानों में।
~ अल्लामा इक़बाल
कोई क़ाबिल हो तो हम शान-ए-क़ाए दे देते हैं,
ढूँढने वालों को दुनिया भी नई दे देते हैं।

नहीं तेरा नशेमन क़स्र-ए-सुल्तानी के गुम्बद पर,
तू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चटानों में।
~ अल्लामा इक़बाल
नजर न लग जाये आँखों में काजल लगा लो,
हम कहते हैं आँखों में काजल ही नहीं,
हो सके तो,
गले में नीबू मिर्ची चप्पल भी लटका लो!
Festival Shayari

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

जो भोले की भक्ति करेगा अपार आनंद पाएगा
मोह माया का क्या है यह सब तो यही रह जाएगा..!!
~ अज्ञात
जो भोले की भक्ति करेगा अपार आनंद पाएगा मोह माया का क्या है यह सब तो यही रह जाएगा..!!
“दुनिया की सारी ख़ुशी मिले आपको, ऊपरवाला हर कामयाबी दे आपको, हम हर पल दुवा तो करते है आपको, फिर भी, जन्मदिन की शुभकामनाएं हो आपको।”
सख़्ती-ए-दहर हुए बहर-ए-सुख़न में आसाँ क़ाफ़िए आए जो पत्थर के मैं पानी समझा
Funny Shayari

इस मोहब्बत के रिश्ते को हम शिद्दत से निभाएंगे
साथ अगर तुम दो तो हम दुख को भी हराएंगे !
~ अज्ञात
इस मोहब्बत के रिश्ते को हम शिद्दत से निभाएंगे साथ अगर तुम दो तो हम दुख को भी हराएंगे !

वो जो हमारे लिए ख़ास होते हैं,
जिनके लिए दिल में एहसास होते हैं,
चाहे वक़्त कितना भी दूर कर दे उन्हें,
पर दूर रहकर भी वो दिल के पास होते हैं…….!!!
~ अज्ञात
वो जो हमारे लिए ख़ास होते हैं, जिनके लिए दिल में एहसास होते हैं, चाहे वक़्त कितना भी दूर कर दे उन्हें, पर दूर रहकर भी वो दिल के पास होते हैं…….!!!

हम तो आँखों में संवरते हैं, वही संवरेंगे,
हम नहीं जानते आईने कहाँ रखें हैं……..!!!
~ अज्ञात
हम तो आँखों में संवरते हैं, वही संवरेंगे, हम नहीं जानते आईने कहाँ रखें हैं……..!!!

एक बात कहूँ जानेमन,
एक दूसरे की गलतियों को छुपा कर,
एक दूसरे का साथ देना ही,
सच्ची मोहब्बत है।
~ अज्ञात
एक बात कहूँ जानेमन, एक दूसरे की गलतियों को छुपा कर, एक दूसरे का साथ देना ही, सच्ची मोहब्बत है।

आपकी मुस्कान मेरी मुस्कान है,
आपका स्पर्श मेरा आराम है,
आपका प्यार मेरा जीवन है।
~ अज्ञात
आपकी मुस्कान मेरी मुस्कान है, आपका स्पर्श मेरा आराम है, आपका प्यार मेरा जीवन है।
अज्ञात
जिसका मिलना किस्मत में नहीं होती उससे मोहब्बत भी बेइंतहा होती हैं !
View ShayariShakeel Badayuni
सितम-नवाज़ी-ए-पैहम है इश्क़ की फ़ितरत फ़ुज़ूल हुस्न पे तोहमत लगाई जाती है
View Shayariअज्ञात
हम तो चलते रहे जिंदगी के सफर में, पर हर बार किसी न किसी मोड़ पर अकेले रह गए।
View ShayariMushafi Ghulam Hamdani
यक क़तरा ख़ूँ बग़ल में है दिल मिरी सो इस को पलकों से तेरी ख़ातिर क्यूँकर निचोड़ डालूँ
View Shayariअज्ञात
किस्मत ने हमें हर बार अलग कर दिया, हमने हर बार उसे साथ रहने की दुआ की।
View Shayariये सोच के माँ बाप की ख़िदमत में लगा हूँ
इस पेड़ का साया मिरे बच्चों को मिलेगा
~ Munawwar Ranaहांथ पैरपै मुंहमुं नाक से ले कर दादा दादी चाचा चाची बहन भाई रोना हंसहं ना तक सिखाती है।है
वो एक मां हीं है जो अपने बच्चेको एक गुरु के लायक बनाती है।।है
~ अज्ञाततेरी बेवफाई का गम तो नहीं,
तेरी बेवफाई का गम तो नहीं, मगर तू बेवफा है दुःख ये भी कम नहीं…!!
अज्ञाततुम क्या जानो बेवफाई की हद ये दोस्त,
तुम क्या जानो बेवफाई की हद ये दोस्त, वो हमसे इश्क सीखता रहा किसी और के लिए…!!
अज्ञातबेवफा वक़्त था, तुम थे, या मेरा मुकद्दर,
बेवफा वक़्त था, तुम थे, या मेरा मुकद्दर, बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला।
अज्ञातदिल में छुपा के रखा था तुझको,
दिल में छुपा के रखा था तुझको, तूने अपने दिल की सुनी, हमारी नहीं…!!
अज्ञातरोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो,
रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो, ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो !
अज्ञाततेरी यादों के चरचे हमारे दिल में हैं,
तेरी यादों के चरचे हमारे दिल में हैं, दिल के दरिया के पानी में तेरी बेवफाई बहती है…!!
अज्ञात
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"