Friendship Shayari – Express Your Feelings
Explore the best Friendship Shayari to express your emotions. Whether you’re feeling friendship, or want to share these feelings with others, you’ll find the perfect words here. All Shayari are handpicked for quality and originality.
Why choose Friendship Shayari?
✓ Curated for this emotion
✓ Easy to share and save
✓ Updated regularly
✓ Connect with others through poetry
Frequently Asked Questions (FAQ)
What is Friendship Shayari?
Friendship Shayari is poetry focused on the emotion of friendship. It helps you express and share your feelings in a beautiful way.
How do I use these Shayari?
You can read, share, or save any Shayari. Use them in messages, social media, or just for inspiration.
Are these Shayari original?
We strive to provide only original and high-quality Shayari, curated for each emotion and topic.
friendship Shayari
कहते हैं सब देख कर बेताब मेरा उज़्व उज़्व
आदमी अब तक नहीं देखा कहीं सीमाब का
~ Munir Shikohabadi“सरफ रोशन रहे तेरा, मेरे हिस्से में चाहे धूल हो,
फिर भी यही दुआ करूंगा तेरी हर दुआ कबूल हो..!!!”
~ अज्ञातसाथ हो हमेशा, राहों में चमकीली रौशनी हो,
दोस्ती बनी रहे ये पल, जीवन की सबसे प्यारी कहानी हो!
~ अज्ञातइतवार को आना तिरा मालूम कि इक उम्र
बे-पीर तिरे हम ने ही अतवार को देखा
~ Abdul Rehman Ehsaan Dehlaviमुझी पर क़त्अ हुई है क़बा-ए-दिल-सोज़ी
हवा से आ के छुपे मेरे पैरहन में चराग़
उस बुत का कूचा मस्जिद-ए-जामे नहीं है शैख़
उठिए और अपना याँ से मुसल्ला उठाइए
है मश्क़-ए-सुख़न जारी चक्की की मशक़्क़त भी
इक तुर्फ़ा तमाशा है 'हसरत' की तबीअत भी
More Shayari
Motivational Shayari

न मुझ को कहने की ताक़त कहूँ तो क्या अहवाल
न उस को सुनने की फ़ुर्सत कहूँ तो किस से कहूँ
~ Bahadur Shah Zafar
पैदा वो बात कर कि तुझे रोएँ दूसरे,
रोना ख़ुद अपने हाल पे ये ज़ार ज़ार क्या।

न मुझ को कहने की ताक़त कहूँ तो क्या अहवाल
न उस को सुनने की फ़ुर्सत कहूँ तो किस से कहूँ
~ Bahadur Shah Zafar
बालों में बल है आँख में सुर्मा है मुँह में पान
घर से निकल के पाँव निकाले निकल चले

न मुझ को कहने की ताक़त कहूँ तो क्या अहवाल
न उस को सुनने की फ़ुर्सत कहूँ तो किस से कहूँ
~ Bahadur Shah Zafar
आईन-ए-जवाँ-मर्दां हक़-गोई ओ बे-बाकी,
अल्लाह के शेरों को आती नहीं रूबाही।

न मुझ को कहने की ताक़त कहूँ तो क्या अहवाल
न उस को सुनने की फ़ुर्सत कहूँ तो किस से कहूँ
~ Bahadur Shah Zafar
ढूँड उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती,
ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें।
Festival Shayari

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

लहू में उतरती रही चाँदनी
बदन रात का कितना ठंडा लगा
~ Adil Mansoori
लहू में उतरती रही चाँदनी बदन रात का कितना ठंडा लगा
चम-चम करती चांदनी, टिम-टिम करते तारे, आजकल कोई मैसेज नहीं करता अनपढ़ हो गए सारे!
हर किसी को नहीं मिलती यहां सच्ची खुशी, कई बार जिंदगी में बस ग़म ही हमारे साथी होते हैं।
Funny Shayari
अज्ञात

तेरे चेहरे पर उदासी, आँखों में नमी है,
टाटा नमक का इस्तेमाल करो,
क्योंकि तुम में आयोडीन की कमी है।
~ अज्ञात

तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रस्ता
तुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हम ने
~ मुनव्वर राना
तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रस्ता तुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हम ने

सफर वहीं तक है जहां तक तुम हो
नजर वहीं तक है जहां तक तुम हो
हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर
खुशबू वहीं तक है जहां तक तुम हो !
~ अज्ञात
सफर वहीं तक है जहां तक तुम हो नजर वहीं तक है जहां तक तुम हो हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर खुशबू वहीं तक है जहां तक तुम हो !

तनहाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी,
वही से शुरू होती है जिंदगी हमारी,
नहीं सोचा था हम चाहेंगे तुम्हें इस कदर,
पर अब तो बन गए हो तुम किसमत हमारी…..!!!
~ अज्ञात
तनहाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी, वही से शुरू होती है जिंदगी हमारी, नहीं सोचा था हम चाहेंगे तुम्हें इस कदर, पर अब तो बन गए हो तुम किसमत हमारी…..!!!

इस मोहब्बत के रिश्ते को हम शिद्दत से निभाएंगे
साथ अगर तुम दो तो हम दुख को भी हराएंगे !
~ अज्ञात
इस मोहब्बत के रिश्ते को हम शिद्दत से निभाएंगे साथ अगर तुम दो तो हम दुख को भी हराएंगे !

वो बार बार पूछती है कि क्या है मौहब्बत,
अब क्या बताऊं उसे,
कि उसका पूछना और मेरा न बता पाना ही मौहब्बत है……!!!
~ अज्ञात
वो बार बार पूछती है कि क्या है मौहब्बत, अब क्या बताऊं उसे, कि उसका पूछना और मेरा न बता पाना ही मौहब्बत है……!!!
ख़ुमार बाराबंकवी
ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए
View Shayariअज्ञात
इत्तिफ़ाक़ समझो या मेरे दर्द की हकीक़त, आँख जब भी नम हुई, वजह तुम ही निकले।
View ShayariFiraq Gorakhpuri
बे-ख़ुदी में इक ख़लिश सी भी न हो ऐसा नहीं तू न आए याद लेकिन मैं तुझे भूला नहीं
View Shayariमहेश चंद्र नक़्श
इस डूबते सूरज से तो उम्मीद ही क्या थी हँस हँस के सितारों ने भी दिल तोड़ दिया है
View Shayariअज्ञात
“दिल का हर जख्म अब तुम्हारी यादों में बस गया है, जिसे मैं कभी मिटा नहीं सकता।”
View Shayariमोहम्मद अली ख़ाँ रश्की
दर्द-ए-दिल क्या बयाँ करूँ ‘रश्की’ उस को कब ए’तिबार आता है
View Shayari“हमारी ख़ामोशी की वजह मेरे मां बाप है
वरना जिगरा तो हम तुझे तेरे घर से उठने का रखते है “
~ अज्ञातहांथ पैरपै मुंहमुं नाक से ले कर दादा दादी चाचा चाची बहन भाई रोना हंसहं ना तक सिखाती है।है
वो एक मां हीं है जो अपने बच्चेको एक गुरु के लायक बनाती है।।है
~ अज्ञातकिसी का साथ छोड़ने से पहले,
किसी का साथ छोड़ने से पहले, एक बार जरूर सोचना कि उसके साथ, अब तक क्यों थे…!!
अज्ञातवो कहता है अब मैं खूबसूरत नहीं रही,
वो कहता है अब मैं खूबसूरत नहीं रही, जिसे मेरी सादगी से भी कभी इश्क हुआ था…!!
अज्ञातप्यार में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था,
प्यार में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था, काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।
अज्ञाततुम किसी के भी हो नहीं सकते
तुम किसी के भी हो नहीं सकते तुम को अपना बना के देख लिया
अमीर रज़ा मज़हरीएक तू ही था जो दिल में समा गया
एक तू ही था जो दिल में समा गया वरना कोशिश यहां हजारों ने की थी
अज्ञातदिल में छुपा के रखा था तुझको,
दिल में छुपा के रखा था तुझको, तूने अपने दिल की सुनी, हमारी नहीं…!!
अज्ञाततुम्हारी तो दिवाली है,
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
अज्ञातमिल जायेगा हमे भी कोई चाहने वाला
मिल जायेगा हमे भी कोई चाहने वाला अब सारा शहर तो बेवफा नही हो सकता !!
अज्ञात
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❤️ दिल से शायरी ❤️
अपनी भावनाओं को शायरी की सुंदरता के साथ व्यक्त करें। प्रेरणादायक, रोमांटिक और जीवन से जुड़ी शायरी आपके दिल की बात कहने का बेहतरीन तरीका है। हर शब्द एक एहसास!
हर दिन नई शायरी का आनंद लें। आपकी भावनाओं के लिए हमारे पास हर शब्द है।
Some Facts
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68%
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Writing Shayari as a journaling exercise improved emotional intelligence by 25% in individuals over a six-month period.
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Platforms like Instagram and YouTube see over 30% higher engagement on posts with Shayari compared to regular content.
35%
A tree plantation drive in India using Shayari slogans saw a 35% increase in volunteer numbers.
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🌟 शायरी का जादू 🌟
शब्दों में छुपा है वो जादू जो दिल को छू जाए। चाहे खुशी हो या ग़म, शायरी हर भावना को खास बना देती है। आइए और अपनी भावनाओं को एक नया आयाम दें!

शायरी क्यों खास है:
- दिल की बातों को बयां करने का सबसे खूबसूरत जरिया।
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- दोस्तों और परिवार के साथ साझा करने के लिए परफेक्ट।
अपनी हर भावना को शायरी के ज़रिए खास बनाइए। नई शायरी हर दिन!
Top Categories
❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️
शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।

शायरी के फायदे:
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- पर्यावरण के लिए योगदान: हमारी हर शायरी पोस्ट के साथ, हम एक पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं।
"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"