memories Shayari
साथ हो हमेशा, राहों में चमकीली रौशनी हो,
दोस्ती बनी रहे ये पल, जीवन की सबसे प्यारी कहानी हो!
~ अज्ञातरौशन है आफ़्ताब की निस्बत चराग़ से
निस्बत वही है आप में और आफ़्ताब में
~ Ismail Meerthiमेरी शख्सियत इतनी रोशन है,
कि तुम अंधेरे में रह जाओगे,
इसलिए मुझसे टकराना बिलकुल मत,
बुरी तरह पछताओगे।
~ अज्ञातबड़े ताबाँ बड़े रौशन सितारे टूट जाते हैं
सहर की राह तकना ता सहर आसाँ नहीं होता
~ Ada Jaffreyआस्तीन-ए-सब्र से बाहर न निकलेगा अगर
होगी दस्त-ए-ग़ैब की सूरत हमारे हाथ में
दामन झटक के वादी-ए-ग़म से गुज़र गया
उठ उठ के देखती रही गर्द-ए-सफ़र मुझे
तन्हा तिरे मातम में नहीं शाम-ए-सियह-पोश
रहता है सदा चाक गरेबान-ए-सहर भी
दोस्ती की वो बातें जो दिल को छू जाती हैं,
वो दोस्त जो रुला देते हैं पर हमें समझाते हैं!
More Shayari
Motivational Shayari

हौसले से कहीं अब ज्यादा ढूढ़ लिया हमने।
पत्थर पे पत्थर नहीं अब सर पटकने का इरादा ढूढ़ लिया हमने।।
~ अज्ञात
मेरे अंदर का जोश लोग समझ नहीं पाते,
इसलिए वो मुझे परेशान करने की कोशिश करते हैं।

हौसले से कहीं अब ज्यादा ढूढ़ लिया हमने।
पत्थर पे पत्थर नहीं अब सर पटकने का इरादा ढूढ़ लिया हमने।।
~ अज्ञात
यक़ीं मोहकम अमल पैहम मोहब्बत फ़ातेह-ए-आलम,
जिहाद-ए-ज़िंदगानी में हैं ये मर्दों की शमशीरें।

हौसले से कहीं अब ज्यादा ढूढ़ लिया हमने।
पत्थर पे पत्थर नहीं अब सर पटकने का इरादा ढूढ़ लिया हमने।।
~ अज्ञात
तकोगे राह सहारों की तुम मियाँ कब तक,
क़दम उठाओ कि तक़दीर इंतिज़ार में है।

हौसले से कहीं अब ज्यादा ढूढ़ लिया हमने।
पत्थर पे पत्थर नहीं अब सर पटकने का इरादा ढूढ़ लिया हमने।।
~ अज्ञात
मुसीबत का पहाड़ आख़िर किसी दिन कट ही जाएगा,
मुझे सर मार कर तेशे से मर जाना नहीं आता।
Festival Shayari

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

ग़म सीं अहल-ए-बैत के जी तो तिरा कुढ़ता नहीं
यूँ अबस पढ़ता फिरा जो मर्सिया तो क्या हुआ
~ Aabru Shah Mubarak
ग़म सीं अहल-ए-बैत के जी तो तिरा कुढ़ता नहीं यूँ अबस पढ़ता फिरा जो मर्सिया तो क्या हुआ
तुम मिले हर खुशी मिल गई है हमें, लगता है कि दूसरी जिंदगी मिल गई है हमें। ज़िंदगी में जिसका था सालों से इंतजार हमें, जीवन का साथी बिना मांगे मिल गया हमें।
Funny Shayari
अज्ञात

इश्क करने के बाद भी वो खाए भाव,
तो उसे अपनी जिंदगी से निकालकर कह दो बाय-बाय!
~ अज्ञात

इस क़दर भी तो न जज़्बात पे क़ाबू रक्खो
थक गए हो तो मिरे काँधे पे बाज़ू रक्खो
~ इफ़्तिख़ार नसीम
इस क़दर भी तो न जज़्बात पे क़ाबू रक्खो थक गए हो तो मिरे काँधे पे बाज़ू रक्खो

पूछते थे ना कितना प्यार है हमें तुम से,
लो अब गिन लो… ये बूँदें बारिश की……!!!
~ अज्ञात
पूछते थे ना कितना प्यार है हमें तुम से, लो अब गिन लो… ये बूँदें बारिश की……!!!

दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिए,
ज़िन्दगी ही ना बीत जाए कहीं बताने मे………..!!!
~ अज्ञात
दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिए, ज़िन्दगी ही ना बीत जाए कहीं बताने मे………..!!!

आपकी बाहों में मुझे सुकून मिलता है,
आपके प्यार में मुझे जुनून मिलता है।
~ अज्ञात
आपकी बाहों में मुझे सुकून मिलता है, आपके प्यार में मुझे जुनून मिलता है।

न जाने क्या कशिश है,
उनकी मदहोश आँखों में,
नज़र अंदाज़ जितना करो,
नज़र उन्हीं पे ही पड़ती है…….!!!
~ अज्ञात
न जाने क्या कशिश है, उनकी मदहोश आँखों में, नज़र अंदाज़ जितना करो, नज़र उन्हीं पे ही पड़ती है…….!!!
अज्ञात
कभी-कभी तन्हाई में भी हंसने का दिल करता है, पर दिल के अंदर का दर्द कोई नहीं समझ पाता।
View Shayariअज्ञात
दर्द गूंज रहा दिल में शहनाई की तरह, जिस्म से मौत की,, ये सगाई तो नहीं।
View Shayariअज्ञात
जिसका मिलना किस्मत में नहीं होती उससे मोहब्बत भी बेइंतहा होती हैं !
View Shayariये सोच के माँ बाप की ख़िदमत में लगा हूँ
इस पेड़ का साया मिरे बच्चों को मिलेगा
~ Munawwar Ranaहांथ पैरपै मुंहमुं नाक से ले कर दादा दादी चाचा चाची बहन भाई रोना हंसहं ना तक सिखाती है।है
वो एक मां हीं है जो अपने बच्चेको एक गुरु के लायक बनाती है।।है
~ अज्ञातदिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं लोग
दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं लोग
अब मुझ को तिरे नाम से पहचानते हैं
क़तील शिफ़ाई
दिल टूटेगा तो शिकायत करोगे तुम भी,
दिल टूटेगा तो शिकायत करोगे तुम भी, हम ना रहे तो हमे याद करोगे तुम भी, आज कहते हो हमारे पास वक़्त नहीं हैं, पर एक दिन मेरे लिए वक़्त बर्बाद करोगे तुम भी।
अज्ञातकभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोये,
कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोये, तेरी याद जब भी आयी, तुझे भुला भुला के रोये।
अज्ञातजाओ भी क्या करोगे मेहर-ओ-वफ़ा
जाओ भी क्या करोगे मेहर-ओ-वफ़ा बार-हा आज़मा के देख लिया
दाग़ देहलवीबदला जो वक्त गहरी रफाकत बदल गईं
बदला जो वक्त गहरी रफाकत बदल गईं सूरज ढला तो साए की सूरत बदल गईं एक उम्र तक मैं उसकी जरूरत बना रहा फिर हुआ कि उसकी जरूरत बदल गईं
अज्ञातनहीं मिला जो प्यार क्या हंसना भी छोर दे
नहीं मिला जो प्यार क्या हंसना भी छोर दे मर तो चुके कई बार क्या जीना भी छोर दे
अज्ञातयाद करोगे एक दिन मुझे ये सोचकर
याद करोगे एक दिन मुझे ये सोचकर कि क्यों नहीं क़दर की उसके प्यार की
अज्ञातवफ़ा के नाम से मेरे सनम अनजान थे,
वफ़ा के नाम से मेरे सनम अनजान थे, किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे, हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला, हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे।
अज्ञात
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❤️ दिल से शायरी ❤️
अपनी भावनाओं को शायरी की सुंदरता के साथ व्यक्त करें। प्रेरणादायक, रोमांटिक और जीवन से जुड़ी शायरी आपके दिल की बात कहने का बेहतरीन तरीका है। हर शब्द एक एहसास!
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Writing Shayari as a journaling exercise improved emotional intelligence by 25% in individuals over a six-month period.
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शायरी क्यों खास है:
- दिल की बातों को बयां करने का सबसे खूबसूरत जरिया।
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Top Categories
❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️
शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।

शायरी के फायदे:
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"