mother Shayari
मेरी शख्सियत इतनी रोशन है,
कि तुम अंधेरे में रह जाओगे,
इसलिए मुझसे टकराना बिलकुल मत,
बुरी तरह पछताओगे।
~ अज्ञात“सरफ रोशन रहे तेरा, मेरे हिस्से में चाहे धूल हो,
फिर भी यही दुआ करूंगा तेरी हर दुआ कबूल हो..!!!”
~ अज्ञातइतवार को आना तिरा मालूम कि इक उम्र
बे-पीर तिरे हम ने ही अतवार को देखा
~ Abdul Rehman Ehsaan Dehlaviकिसी दिन तो होगी रोशन मेरी भी जिंदगी
मुझे इंतजार सुबह का नहीं आपकी रहमत का है !!
~ अज्ञातसाथ हो हमेशा, राहों में चमकीली रौशनी हो,
दोस्ती बनी रहे ये पल, जीवन की सबसे प्यारी कहानी हो!
~ अज्ञातपिस्ताँ को तेरे देख के मिट जाए फिर हुबाब
दरिया में ता-ब-सीना अगर तू नहाए सुब्ह
आमद पे तेरी इत्र ओ चराग़ ओ सुबू न हों
इतना भी बूद-ओ-बाश को सादा नहीं किया
“किसी का दिल टूटने पर भी मुस्कुराने की हिम्मत रखो,
क्योंकि ज़िंदगी यूँ ही चलती रहती है।”
तुम कहो तो ज़िन्दगी को गला देता हूं
उससे तुम्हारे लिए एक रुमाल बना देता हूं
मैं जीते जी तुम्हें छू तक नहीं पाया
तुम्हारे आंसूरुमाल को ना छुए ये दुआदु देता हूं
बोसा जो रुख़ का देते नहीं लब का दीजिए
ये है मसल कि फूल नहीं पंखुड़ी सही
More Shayari
Motivational Shayari

समय का पहिया घूमता रहता है,
यह बुरा वक्त भी गुजर जाएगा।
तूफ़ानी रात के बाद एक नया सवेरा आएगा।
~ अज्ञात
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं
जिगर मुरादाबादी

समय का पहिया घूमता रहता है,
यह बुरा वक्त भी गुजर जाएगा।
तूफ़ानी रात के बाद एक नया सवेरा आएगा।
~ अज्ञात
गो हाथ को जुम्बिश नहीं आँखों में तो दम है
रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना मिरे आगे

समय का पहिया घूमता रहता है,
यह बुरा वक्त भी गुजर जाएगा।
तूफ़ानी रात के बाद एक नया सवेरा आएगा।
~ अज्ञात
ये भी तो सोचिए कभी तन्हाई में ज़रा,
दुनिया से हम ने क्या लिया दुनिया को क्या दिया।

समय का पहिया घूमता रहता है,
यह बुरा वक्त भी गुजर जाएगा।
तूफ़ानी रात के बाद एक नया सवेरा आएगा।
~ अज्ञात
Festival Shayari

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

शब गुज़री बुझने लगा रौशनियों का शहर
लौटी साहिल की तरफ़ थकी थकी इक लहर
~ Couplets of Shahid Mir
शब गुज़री बुझने लगा रौशनियों का शहर लौटी साहिल की तरफ़ थकी थकी इक लहर
ग़म सीं अहल-ए-बैत के जी तो तिरा कुढ़ता नहीं यूँ अबस पढ़ता फिरा जो मर्सिया तो क्या हुआ
बहार-ए-हुस्न ये दो दिन की चाँदनी है हुज़ूर जो बात अब की बरस है वो पार साल नहीं

हँसी है दिल-लगी है क़हक़हे हैं
तुम्हारी अंजुमन का पूछना क्या
– मुबारक अज़ीमाबादी
~ अज्ञात
हँसी है दिल-लगी है क़हक़हे हैं तुम्हारी अंजुमन का पूछना क्या – मुबारक अज़ीमाबादी
Funny Shayari
हमने तो चारो तरफ पढ़ाई का माहौल बनाया है,
लेकिन फिर भी एग्जाम में अंडा ही आया है,
हम तो यूँ ही चल देते हैं बिना मुंह धोये ही एग्जाम में,
साले दोस्त कहते हैं ये तो बहुत पढ़के आया है!

बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर
पलकों से लिख रहा था तिरा नाम चाँद पर
~ अज्ञात
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर पलकों से लिख रहा था तिरा नाम चाँद पर

ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुमसे,
दिल लगाना तो जानता है पर भूलाना नहीं।
~ अज्ञात
ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुमसे, दिल लगाना तो जानता है पर भूलाना नहीं।

यूँ तिरी याद में दिन रात मगन रहता हूँ
दिल धड़कना तिरे क़दमों की सदा लगता है
~ शहज़ाद अहमद
यूँ तिरी याद में दिन रात मगन रहता हूँ दिल धड़कना तिरे क़दमों की सदा लगता है

मुझे किसी और से क्या लेना देना,
मुझे तुमसे तुम्हारे वक्त से लेना देना है।
~ अज्ञात
मुझे किसी और से क्या लेना देना, मुझे तुमसे तुम्हारे वक्त से लेना देना है।

इस मोहब्बत के रिश्ते को हम शिद्दत से निभाएंगे
साथ अगर तुम दो तो हम दुख को भी हराएंगे !
~ अज्ञात
इस मोहब्बत के रिश्ते को हम शिद्दत से निभाएंगे साथ अगर तुम दो तो हम दुख को भी हराएंगे !
अज्ञात
“दिल को इस तरह से दर्द मत देना कि वो टूटकर बिखर जाए और फिर कभी जुड़ न सके।”
View Shayariअज्ञात
दिल से निभाने वाले अक्सर टूट जाते हैं, क्योंकि उनकी भावनाओं की कद्र कोई नहीं करता।
View Shayariअज्ञात
किसी पर मरने से, शुरू होती है मोहब्ब्त इश्क़ जिंदा लोगों के बस की बात नहीं
View Shayariअज्ञात
तुम्हारे बिना ये वक्त, ठहर सा गया है, जिंदगी का हर लम्हा, अधूरा सा लगा है।
View Shayariअज्ञात
दिल चाहता है कि तुझसे फिर मुलाकात हो, पर ये ख्वाब अब सिर्फ ख्वाब ही रह गया है।
View Shayariअज्ञात
सच्चा प्यार केवल दो,पल के लिए ही होता हैं, पर जख्म सालों के,लिए दे जाता हैं..
View Shayariवसी शाह
इस जुदाई में तुम अंदर से बिखर जाओगे किसी मा’ज़ूर को देखोगे तो याद आऊँगा
View Shayariजो लोग वफ़ा में मर मिटने के वादें करते है,
जो लोग वफ़ा में मर मिटने के वादें करते है, बेवफाई करके भी बड़े शान से जी लेते हैं…!!
अज्ञातमिल जायेगा हमे भी कोई चाहने वाला
मिल जायेगा हमे भी कोई चाहने वाला अब सारा शहर तो बेवफा नही हो सकता !!
अज्ञातकभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी, कभी याद आकर उनकी जुदाई मार गयी, बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने, आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी !!
अज्ञातलम्हा लम्हा सांसें खत्म हो रही हैं,
लम्हा लम्हा सांसें खत्म हो रही हैं, जिंदगी मौत के पहलू में सौ रही है, उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह, वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है।
अज्ञात
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Some Facts
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शायरी क्यों खास है:
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❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️
शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।

शायरी के फायदे:
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"