Latest Shayari
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Latest Shayari
उमीद-ए-हूर ने सब कुछ सिखा रक्खा है वाइज़ को
ये हज़रत देखने में सीधे-सादे भोले-भाले हैं
हरगिज़ किया न बाद-ए-ख़िज़ाँ का भी इंतिज़ार
वो ताज़ा गुल था मैं कि खिला और झड़ गया
कोई क्यूँ किसी का लुभाए दिल कोई क्या किसी से लगाए दिल
वो जो बेचते थे दवा-ए-दिल वो दुकान अपनी बढ़ा गए
इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का
क्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम
सब कुछ मिला सुकून की दौलत ना मिली,
एक तुझको भूल जाने की मोहलत ना मिली,
करने को बहुत काम थे अपने लिए,
मगर हमको तेरे ख्याल से फुर्सत ना मिली…..!!!

मेरी शख्सियत इतनी रोशन है,
कि तुम अंधेरे में रह जाओगे,
इसलिए मुझसे टकराना बिलकुल मत,
बुरी तरह पछताओगे।
~ अज्ञात
मेरी शख्सियत इतनी रोशन है, कि तुम अंधेरे में रह जाओगे, इसलिए मुझसे टकराना बिलकुल मत, बुरी तरह पछताओगे।

होवेगी सुब्ह रौशन इक दम में वस्ल की शब
बंद-ए-क़बा को अपने ज़ालिम न बाज़ करना
~ Mushafi Ghulam Hamdani
होवेगी सुब्ह रौशन इक दम में वस्ल की शब बंद-ए-क़बा को अपने ज़ालिम न बाज़ करना

सुब्ह-ए-रौशन को अंधेरों से भरी शाम न दे
दिल के रिश्ते को मिरी जान कोई नाम न दे
~ Amita Parasuram Mita
सुब्ह-ए-रौशन को अंधेरों से भरी शाम न दे दिल के रिश्ते को मिरी जान कोई नाम न दे

प्यास जहाँ की एक बयाबाँ तेरी सख़ावत शबनम है
पी के उठा जो बज़्म से तेरी और भी तिश्ना-काम उठा
~ Ali Sardar Jafri
प्यास जहाँ की एक बयाबाँ तेरी सख़ावत शबनम है पी के उठा जो बज़्म से तेरी और भी तिश्ना-काम उठा

कहते हैं सब देख कर बेताब मेरा उज़्व उज़्व
आदमी अब तक नहीं देखा कहीं सीमाब का
~ Munir Shikohabadi
कहते हैं सब देख कर बेताब मेरा उज़्व उज़्व आदमी अब तक नहीं देखा कहीं सीमाब का
Shayari Across the Globe
- Languages: Shayari is popular in Hindi, Urdu, Persian, Punjabi, and many other languages.
- Global Communities: Millions of people worldwide share Shayari daily on social media platforms.
- Cultural Significance: Shayari plays a vital role in literature, music, and traditional events.
- Digital Revolution: Online platforms and apps have made Shayari accessible to a global audience.
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

क्या वो भी चाव-चूज़ के दिन थे कि जिन दिनों
गर्दन में मेरी यार का दस्त-ए-ख़मीदा था
~ Mushafi Ghulam Hamdani
क्या वो भी चाव-चूज़ के दिन थे कि जिन दिनों गर्दन में मेरी यार का दस्त-ए-ख़मीदा था
तिरे सुख़न में ऐ नासेह नहीं है कैफ़िय्यत ज़बान-ए-क़ुलक़ुल-ए-मीना सीं सुन कलाम-ए-शराब

हासिल हैं मुझे जमाने भर की खुशियाँ,
मेरी हर खुशी को बस तुझ पर लुटाना है।
~ अज्ञात
हासिल हैं मुझे जमाने भर की खुशियाँ, मेरी हर खुशी को बस तुझ पर लुटाना है।
Why Shayari is Loved Worldwide
- Timeless Art: The tradition of Shayari dates back centuries and remains relevant today.
- Versatility: From romantic verses to motivational lines, Shayari covers a broad spectrum of emotions.
- Engagement: Shayari posts and quotes consistently generate high engagement on platforms like Instagram and Twitter.
- Cultural Identity: It serves as a symbol of cultural pride in many regions.
More Shayari
Motivational Shayari

अपने खिलाफ बातें ख़ामोशी से सुनो,
यकीन मानों वक़्त बेहतरीन जवाब देगा।
~ अज्ञात
तू मर्द-ए-मोमिन है अपनी मंज़िल को आसमानों पे देख नादाँ,
कि राह-ए-ज़ुल्मत में साथ देगा कोई चराग़-ए-अलील कब तक।

अपने खिलाफ बातें ख़ामोशी से सुनो,
यकीन मानों वक़्त बेहतरीन जवाब देगा।
~ अज्ञात
ख़ुद से प्यार करना सीखो,
लोगों का क्या,
आज तुम्हारे हैं,
कल किसी और के हो जाएँगे।

अपने खिलाफ बातें ख़ामोशी से सुनो,
यकीन मानों वक़्त बेहतरीन जवाब देगा।
~ अज्ञात
मत खुद को रोक,
सही रास्ते पर चल,
मंज़िल खुद-ब-खुद तुम्हारे सामने आएगी।
बस कोशिश तो कर।

अपने खिलाफ बातें ख़ामोशी से सुनो,
यकीन मानों वक़्त बेहतरीन जवाब देगा।
~ अज्ञात
जज़्बा-ए-बे-इख़्तियार-ए-शौक़ देखा चाहिए
सीना-ए-शमशीर से बाहर है दम शमशीर का
Festival Shayari

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात
Funny Shayari
अज्ञात
हमेशा मैं ही क्यों डरु, तुझको खोने से, कभी तू भी डरे, मेरे न होने से..
View Shayariमुंशी अमीरुल्लाह तस्लीम
आस क्या अब तो उमीद-ए-नाउमीदी भी नहीं कौन दे मुझ को तसल्ली कौन बहलाए मुझे
View ShayariAitbar Sajid
पहले ग़म-ए-फ़ुर्क़त के ये तेवर तो नहीं थे रग रग में उतरती हुई तन्हाई तो अब है
View Shayariअज्ञात
वो रिश्ता जो कभी अधूरा रह गया था, आज भी उसकी कमी हर पल महसूस होती है।
View ShayariShayari Trivia You Didn't Know
- The word Shayari originates from the Persian word She’r, meaning poetry.
- Mirza Ghalib is considered one of the greatest Shayars of all time.
- Urdu Shayari is often written in the poetic form called ghazal.
- Bollywood movies have made Shayari more mainstream, with famous dialogues often resembling Shayari.

हम तो इतने रोमान्टिक है की हम अगर थोड़ी देर,
मोबाइल हाथ मै लेले.. तो वो भी गरम हो जाता है……!!!
~ अज्ञात
हम तो इतने रोमान्टिक है की हम अगर थोड़ी देर, मोबाइल हाथ मै लेले.. तो वो भी गरम हो जाता है……!!!

तुम्हारी आँखों में मुझे अपना घर मिल गया,
तुम्हारे दिल में मुझे अपना प्यार मिल गया।
~ अज्ञात
तुम्हारी आँखों में मुझे अपना घर मिल गया, तुम्हारे दिल में मुझे अपना प्यार मिल गया।

शान से हम तेरे दिल में रहेंगे,
तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे,
देख के जलेंगी हमे दुनिया सारी,
इस कदर बे-पनाह तुझे प्यार करेंगे……!!!
~ अज्ञात
शान से हम तेरे दिल में रहेंगे, तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे, देख के जलेंगी हमे दुनिया सारी, इस कदर बे-पनाह तुझे प्यार करेंगे……!!!

मैं तुमसे प्यार करता हूँ क्युकी मुझे तुम्हारी जरूरत है,
मैं तुम्हारे बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकता।
~ अज्ञात
मैं तुमसे प्यार करता हूँ क्युकी मुझे तुम्हारी जरूरत है, मैं तुम्हारे बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकता।

पहली मुलाकात थी और हम दोनों ही बेबस थे,
वो अपनी जुल्फें न संभाल पाए और हम खुद को……!!!
मुझसे जब भी मिलो तो नज़रें उठा के मिला करो,
मुझे पसंद है अपने आप को तेरी आँखों में देखना……!!!
~ अज्ञात
पहली मुलाकात थी और हम दोनों ही बेबस थे, वो अपनी जुल्फें न संभाल पाए और हम खुद को……!!! मुझसे जब भी मिलो तो नज़रें उठा के मिला करो, मुझे पसंद है अपने आप को तेरी आँखों में देखना……!!!
A Glimpse Into Shayari’s Rich History
- Origins: Shayari originated in ancient Persian and Arabic literature.
- Evolution: It evolved through Mughal influence and became a staple of South Asian culture.
- Golden Era: The 18th and 19th centuries saw legendary poets like Mirza Ghalib and Allama Iqbal.
- Modern Times: Today, Shayari is celebrated in events like mushairas (poetry gatherings).
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला,
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला, हमको जो भी मिला बेवफा यार मिला, अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी, हर कोई मकसद का तलबगार मिला !!
अज्ञातजान-लेवा थीं ख़्वाहिशें वर्ना
जान-लेवा थीं ख़्वाहिशें वर्ना वस्ल से इंतिज़ार अच्छा था
जौन एलियावो बेवफा है तो क्या हुआ उसे बेवफा ही रहने दो,
वो बेवफा है तो क्या हुआ उसे बेवफा ही रहने दो, हमने तो सच्ची मोहब्बत की थी हमे उनकी मोहब्बत का सताया ही रहने दो।
अज्ञातइतनी मुश्किल भी ना थी
इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की कुछ ज़माना खिलाफ हुआ कुछ वो बेवफा हो गए।।
अज्ञातबदला जो वक्त गहरी रफाकत बदल गईं
बदला जो वक्त गहरी रफाकत बदल गईं सूरज ढला तो साए की सूरत बदल गईं एक उम्र तक मैं उसकी जरूरत बना रहा फिर हुआ कि उसकी जरूरत बदल गईं
अज्ञातउमीद उन से वफ़ा की तो ख़ैर क्या कीजे
उमीद उन से वफ़ा की तो ख़ैर क्या कीजे जफ़ा भी करते नहीं वो कभी जफ़ा की तरह
आतिश बहावलपुरीहर सितम सहकर कितने ग़म छिपाये हमने,
हर सितम सहकर कितने ग़म छिपाये हमने, तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने, तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला, बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने !!
अज्ञातजहाँ से जी ना लगे तुम वहीं बिछड़ जाना,
जहाँ से जी ना लगे तुम वहीं बिछड़ जाना, मगर खुदा के लिए बेवफाई ना करना…!!
अज्ञातShayari That Changed Lives
- Healing Through Words: Shayari has helped individuals cope with grief and loss.
- Romantic Connections: Many love stories began with shared Shayari.
- Success Stories: Writers who started with Shayari have gone on to become bestselling poets and authors.
Shayari by the Numbers
- Over 5 million Shayari posts are shared on social media every day.
- More than 30,000 books of Shayari are published annually worldwide.
- Top regions where Shayari is most popular: India, Pakistan, Iran, and the Middle East.
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❤️ दिल से शायरी ❤️
अपनी भावनाओं को शायरी की सुंदरता के साथ व्यक्त करें। प्रेरणादायक, रोमांटिक और जीवन से जुड़ी शायरी आपके दिल की बात कहने का बेहतरीन तरीका है। हर शब्द एक एहसास!
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🌟 शायरी का जादू 🌟
शब्दों में छुपा है वो जादू जो दिल को छू जाए। चाहे खुशी हो या ग़म, शायरी हर भावना को खास बना देती है। आइए और अपनी भावनाओं को एक नया आयाम दें!

शायरी क्यों खास है:
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अपनी हर भावना को शायरी के ज़रिए खास बनाइए। नई शायरी हर दिन!
Top Categories
❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️
शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।

शायरी के फायदे:
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"


















































