Friendship Shayari – Express Your Feelings
Explore the best Friendship Shayari to express your emotions. Whether you’re feeling friendship, or want to share these feelings with others, you’ll find the perfect words here. All Shayari are handpicked for quality and originality.
Why choose Friendship Shayari?
✓ Curated for this emotion
✓ Easy to share and save
✓ Updated regularly
✓ Connect with others through poetry
Frequently Asked Questions (FAQ)
What is Friendship Shayari?
Friendship Shayari is poetry focused on the emotion of friendship. It helps you express and share your feelings in a beautiful way.
How do I use these Shayari?
You can read, share, or save any Shayari. Use them in messages, social media, or just for inspiration.
Are these Shayari original?
We strive to provide only original and high-quality Shayari, curated for each emotion and topic.
friendship Shayari
साथ हो हमेशा, राहों में चमकीली रौशनी हो,
दोस्ती बनी रहे ये पल, जीवन की सबसे प्यारी कहानी हो!
~ अज्ञातऐसा चेहरा है तेरा जैसा रोशन सवेरा
जिस जगह तू नहीं है उस जगह है अँधेरा
कैसे फिर चैन तुझ बिन तेरे बदनाम लेंगे
हुस्न की बात चली तो सब तेरा नाम लेंगे!!!
~ अज्ञातमेरी शख्सियत इतनी रोशन है,
कि तुम अंधेरे में रह जाओगे,
इसलिए मुझसे टकराना बिलकुल मत,
बुरी तरह पछताओगे।
~ अज्ञातबड़े ताबाँ बड़े रौशन सितारे टूट जाते हैं
सहर की राह तकना ता सहर आसाँ नहीं होता
~ Ada Jaffreyकिसी दिन तो होगी रोशन मेरी भी जिंदगी
मुझे इंतजार सुबह का नहीं आपकी रहमत का है !!
~ अज्ञातरौशन है आफ़्ताब की निस्बत चराग़ से
निस्बत वही है आप में और आफ़्ताब में
~ Ismail Meerthiचली जाती है वो ब्यूटी पार्लर में यूं,
उनका मकसद है मिशाल-ए-हूर हो जाना,
अब कौन समझाये इन पागल लड़कियों को,
मुमकिन नहीं किशमिश का अंगूर हो जाना!
हम से अगर है तर्क-ए-तअल्लुक़ तो क्या हुआ
यारो कोई तो उन की ख़बर पूछते चलो
दुनिया से जाने वालों को रस्ते में ग़म नहीं
सीधी सड़क है फेर की राह-ए-अदम नहीं
क्यूँ शरीक-ए-ग़म बनाते हो किसी को ऐ 'क़तील'
अपनी सूली अपने काँधे पर उठाओ चुप रहो
आज आंखो का पानी भी सुख गया
उसकी याद तो आती है
मगर आंखो से बारिश नही होती है
एक गरुर जलकता है
More Shayari
Motivational Shayari

निय्यत-ए-शौक़ भर न जाए कहीं
तू भी दिल से उतर न जाए कहीं
~ Nasir Kazmi
यही सोच कर हर तपिश में जलता आया हूं,
धूप कितनी भी तेज हो समंदर नहीं सूखा करते।

निय्यत-ए-शौक़ भर न जाए कहीं
तू भी दिल से उतर न जाए कहीं
~ Nasir Kazmi
“जब से मुझे पता चला है कि मेरा आत्मविश्वास मेरे साथ है तब से मैने ये सोचना बंद कर दिया कि कौन मेरे खिलाफ है”

निय्यत-ए-शौक़ भर न जाए कहीं
तू भी दिल से उतर न जाए कहीं
~ Nasir Kazmi
हमने तो सीखा है बस बेखौफ मुस्कुराओ,
भाड़ में जाए दुनिया,
जी जलता है उसे और जलाओ!!!

निय्यत-ए-शौक़ भर न जाए कहीं
तू भी दिल से उतर न जाए कहीं
~ Nasir Kazmi
Festival Shayari

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

खुल के रो भी सकूँ और हँस भी सकूँ जी भर के
अभी इतनी भी फ़राग़त में नहीं रह सकता
~ Zafar Iqbal
खुल के रो भी सकूँ और हँस भी सकूँ जी भर के अभी इतनी भी फ़राग़त में नहीं रह सकता
तेरे होते हुए महफ़िल में जलाते हैं चराग़ लोग क्या सादा हैं सूरज को दिखाते हैं चराग़

खुशी खु तो तब होगी
जब
आप कहोगे हम आपके साथ है
~ अज्ञात
खुशी खु तो तब होगी जब आप कहोगे हम आपके साथ है
Funny Shayari

तुम्हारा प्यार मेरे लिए वो राग है
जो मेरे दिल में बजता है,
वह लय है जो मेरी आत्मा में धड़कता है।
~ अज्ञात
तुम्हारा प्यार मेरे लिए वो राग है जो मेरे दिल में बजता है, वह लय है जो मेरी आत्मा में धड़कता है।

जहाँ में होने को ऐ दोस्त यूँ तो सब होगा
तिरे लबों पे मिरे लब हों ऐसा कब होगा
~ शहरयार
जहाँ में होने को ऐ दोस्त यूँ तो सब होगा तिरे लबों पे मिरे लब हों ऐसा कब होगा

रूठना हुस्न वालों की आदत है,
और मनाना हम आशिक़ो की आदत।
~ अज्ञात
रूठना हुस्न वालों की आदत है, और मनाना हम आशिक़ो की आदत।

तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो,
यु तुम हमें इशारा ना करो,
दूर हैं तुमसे ये मजबूरी है हमारी,
तुम तन्हाइयों में यूं तड़पाया ना करो……!!!
~ अज्ञात
तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो, यु तुम हमें इशारा ना करो, दूर हैं तुमसे ये मजबूरी है हमारी, तुम तन्हाइयों में यूं तड़पाया ना करो……!!!

चांद रोज़ छत पर आकर इतराता बहुत था,
कल रात मैंने भी उसे तेरी तस्वीर दिखा दी……..!!!
~ अज्ञात
चांद रोज़ छत पर आकर इतराता बहुत था, कल रात मैंने भी उसे तेरी तस्वीर दिखा दी……..!!!
अज्ञात
“जिसे चाहो वो मिल जाए, ये ज़रूरी नहीं, जिसे पा लो उसे चाहो, ये ज़रूरी है।”
View ShayariAkbar Allahabadi
ग़म्ज़ा नहीं होता कि इशारा नहीं होता आँख उन से जो मिलती है तो क्या क्या नहीं होता
View Shayariअज्ञात
“दर्द तो है पर शिकायत नहीं, क्योंकि जिसे हमने दिल दिया, उसने कभी हमें दिल से चाहा ही नहीं।”
View Shayariअज्ञात
कभी खुशी की तलाश में इतना खो जाते हैं, कि खुद को ही गुम कर बैठते हैं।
View ShayariShakeel Badayuni
सितम-नवाज़ी-ए-पैहम है इश्क़ की फ़ितरत फ़ुज़ूल हुस्न पे तोहमत लगाई जाती है
View Shayariनज़र चाहती है दीदार करना,
नज़र चाहती है दीदार करना,
दिल चाहता है प्यार करना।
क्या बताऊं इस दिल का आलम,
नसीब में लिखा है इंतज़ार करना।
कुछ न मिला तो तेरा ही नाम लिखूंगा,
कुछ न मिला तो तेरा ही नाम लिखूंगा, ओ बेवफा मैं तुझी पर सारे इल्जाम लिखूंगा…!!
अज्ञातकोमल, दयालु लगते थे जो हसीन लोग,
कोमल, दयालु लगते थे जो हसीन लोग, वास्ता पड़ा तो कठोर और पत्थर के निकले…!!
अज्ञातइश्क वालो को फुर्सत कहा कि
इश्क वालो को फुर्सत कहा कि वो गम लिखेंगे , अरे कलम इधर लेकर आओ बेवफा के बारे में हम लिखेंगे।
अज्ञाततूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई,
तूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई, अदालत भी तेरी थी गवाह भी तू ही थी…!!
अज्ञातलड़के बेवफा नहीं होते वो बस
लड़के बेवफा नहीं होते वो बस Confuse होते हैं … की कौन सी वाली ज्यादा प्यारी है …
अज्ञातकिसी के आगे अपने लिए,
किसी के आगे अपने लिए, समय निकालने की भीख मत मांगो, क्योंकि जो तुम्हारे होंगे, वह तुम्हें बिना मांगे ही समय देंगे…!!
अज्ञातमोहब्बत की वो गलियां, अब सुनसान पड़ी हैं,
मोहब्बत की वो गलियां, अब सुनसान पड़ी हैं, तेरी बेवफाई ने, इश्क को भी शर्मसार किया है।
अज्ञात
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"