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बोस-ओ-कनार के लिए ये सब फ़रेब हैं
इज़हार-ए-पाक-बाज़ी ओ ज़ौक़-ए-नज़र ग़लत
प्यास की सोंधी महक सहरा की वीरानी में रख
और सैराबी का दुख बहते हुए पानी में रख
मैं आपको चाँद कह दूँ, लेकिन उसमें भी दाग है,
मैं आपको सूरज कह दूँ, लेकिन उसमें भी आग है,
मैं आपको बंदर कह दूँ, लेकिन उसमें भी दिमाग है।
जब से आपके खूबसूरत
चेहरे को देखा है यह
चांद भी सहम कर बादलों की
ओट में छिप गया है।
अच्छा लगा ये सुनकर की आज कल के लड़के प्यार में दिल टूटने पर Suicide नहीं करते है…
बलकि भाड़ में जा चुड़ैल बोलकर आगे बढ़ते हैं!
More Shayari
Motivational Shayari

उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए,
कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए।
~ इरफ़ान सिद्दीक़ी

उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए,
कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए।
~ इरफ़ान सिद्दीक़ी

उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए,
कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए।
~ इरफ़ान सिद्दीक़ी

उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए,
कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए।
~ इरफ़ान सिद्दीक़ी
दिल अपनी तलब में सादिक़ था घबरा के सू-ए-मतलूब गया
दरिया से ये मोती निकला था दरिया ही में जा कर डूब गया
Festival Shayari

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

“मेरी उड़ानों को खुद पर यकीन है क्योंकि तू मेरा आकाश है
घनघोर अंधियारी में तू यार मेरे, तमस मिटाता प्रकाश है….”
~ अज्ञात
“मेरी उड़ानों को खुद पर यकीन है क्योंकि तू मेरा आकाश है घनघोर अंधियारी में तू यार मेरे, तमस मिटाता प्रकाश है….”
ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए
दुआ मिले सब से खुशियां मिले जग से, साथ मिले अपनो से रहमत मिले रब से, दुनिया में आपको बेपनाह प्यार मिले, खुश रहे आप दुनिया में ज्यादा सब से यही दुआ है मेरी रब से।

हम ग़म-ज़दा हैं लाएँ कहाँ से ख़ुशी के गीत
देंगे वही जो पाएँगे इस ज़िंदगी से हम
~ Sahir Ludhianvi Badri
हम ग़म-ज़दा हैं लाएँ कहाँ से ख़ुशी के गीत देंगे वही जो पाएँगे इस ज़िंदगी से हम
Funny Shayari

कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना,
मगर आना इस तरह कि, यहाँ से फिर ना जाना।
~ अज्ञात
कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना, मगर आना इस तरह कि, यहाँ से फिर ना जाना।

दोनों जानते है के, हम नहीं एक-दूसरे के नसीब में,
फिर भी मोहब्बत दिन-ब-दिन बे-पनाह होती जा रही है…….!!!
~ अज्ञात
दोनों जानते है के, हम नहीं एक-दूसरे के नसीब में, फिर भी मोहब्बत दिन-ब-दिन बे-पनाह होती जा रही है…….!!!

हर चीज़ “हद” में अच्छी लगती हैं,
मगर तुम हो के “बे-हद” अच्छे लगते हो……!!!
~ अज्ञात
हर चीज़ “हद” में अच्छी लगती हैं, मगर तुम हो के “बे-हद” अच्छे लगते हो……!!!

क्यू बार बार ताकते हो शीशे को,
नज़र लगाओगे क्या मेरी इकलौती मुहब्बत को…..!!!
~ अज्ञात
क्यू बार बार ताकते हो शीशे को, नज़र लगाओगे क्या मेरी इकलौती मुहब्बत को…..!!!

दिलो जान से करेंगे हिफ़ाज़त तेरी,
बस एक बार तू कह दे कि, मैं अमानत हूं तेरी…..!!!
~ अज्ञात
दिलो जान से करेंगे हिफ़ाज़त तेरी, बस एक बार तू कह दे कि, मैं अमानत हूं तेरी…..!!!
अज्ञात
मेरी खामोशी से कोई अंदाज़ा न लगा सका, कि इस टूटे दिल में कितना दर्द छुपा है।
View Shayariअज्ञात
कई बार जिंदगी में हमें सफर अकेले ही तय करना पड़ता है, चाहे हमारे साथ कितने भी लोग हों।
View ShayariZafar Iqbal
इश्क़ उदासी के पैग़ाम तो लाता रहता है दिन रात लेकिन हम को ख़ुश रहने की आदत बहुत ज़ियादा है
View Shayariअज्ञात
“मुस्कुराहट के पीछे छुपी होती हैं, वो बातें जो किसी से कह नहीं पाते।”
View ShayariShakeel Badayuni
अब तो ख़ुशी का ग़म है न ग़म की ख़ुशी मुझे बे-हिस बना चुकी है बहुत ज़िंदगी मुझे
View Shayariअज्ञात
“जिस दिल को दर्द देना आसान हो जाए, उस दिल की कीमत कोई नहीं समझ पाता।”
View Shayariअज्ञात
तुमसे बिछड़कर भी, तुम्हें भुला नहीं पाते, ये दिल तुम्हारी यादों से दूर जा नहीं पाता।
View Shayariअज्ञात
हंसते दिलों में ग़म भी है, मुस्कुराती आंखें कभी नम भी हैं। दुआ करते हैं आपकी हंसी कभी न रुके, क्योंकि आपकी मुस्कुराहट के दीवाने हम भी हैं। जब तुम मेरे पास होते हो, तो सब कुछ ठीक है, मेरी दुनिया में तुम्हारे बिना कुछ भी नहीं।
View Shayariकाम आ सकीं न अपनी वफ़ाएं तो क्या करें
काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएं तो क्या करें उस बेवफ़ा को भूल न जाएं तो क्या करें
अख़्तर शीरानीतेरी बेवफाई ने मेरा ये हाल कर दिया है,
तेरी बेवफाई ने मेरा ये हाल कर दिया है, मैं नहीं रोती, लोग मुझे देख कर रोते है।
अज्ञातएक बेवफा को हमने दिल में जगह दी थी,
एक बेवफा को हमने दिल में जगह दी थी, ख़्वाबों की दुनिया अपनी उससे ही सजा दी थी।
अज्ञातएक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है
एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है मैंने हर करवट सोने की कोशिश की
गुलज़ारमुझको बेवफा कहने वाले खुदा करे तुझे भी,
मुझको बेवफा कहने वाले खुदा करे तुझे भी, तुझसा ही वफादार मिले…!!
अज्ञातयूं भुला देना तेरे लिए आसान था,
यूं भुला देना तेरे लिए आसान था, मुझे समय चाहिए मुझे वक्त लगेगा…!!
अज्ञातमैं तेरे बाद कोई तेरे जैसा ढूँढता हूँ,
मैं तेरे बाद कोई तेरे जैसा ढूँढता हूँ, जो बेवफ़ाई करे और बेवफ़ा न लगे…!!
अज्ञाततेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया है,
तेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया है, हम नहीं रोते लोग हमें देख कर रोते हैं !
अज्ञात
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"