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ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है
जिगर मुरादाबादी
तुम कहते हो मैं उदास बातें करती हूँ…
चलो आज ये रस्म तोड़ देती हूँ
तुम खुशियाँ ले आओ
मैं उदासियाँ छोड़ देती हूँ
सुनो……….खुशियाँ जो लाओ तो पूरी लाना
आधी अधूरी तो मैं खुद छोड़ देती हूँ
More Shayari
Motivational Shayari

उन्हें भी जोश-ए-उल्फ़त हो तो लुत्फ़ उट्ठे मोहब्बत का
हमीं दिन-रात अगर तड़पे तो फिर इस में मज़ा क्या है
~ Akbar Allahabadi

उन्हें भी जोश-ए-उल्फ़त हो तो लुत्फ़ उट्ठे मोहब्बत का
हमीं दिन-रात अगर तड़पे तो फिर इस में मज़ा क्या है
~ Akbar Allahabadi

उन्हें भी जोश-ए-उल्फ़त हो तो लुत्फ़ उट्ठे मोहब्बत का
हमीं दिन-रात अगर तड़पे तो फिर इस में मज़ा क्या है
~ Akbar Allahabadi
आप परेशान मत होइए पापा,
रिश्तेदारों के ताने वक्त आने पर लौटाएंगे।
सफलता मिलने पर सबसे पहले मिठाई उन्हें ही खिलाएंगे।

उन्हें भी जोश-ए-उल्फ़त हो तो लुत्फ़ उट्ठे मोहब्बत का
हमीं दिन-रात अगर तड़पे तो फिर इस में मज़ा क्या है
~ Akbar Allahabadi
अगर तुम चलने के लिए तैयार हो,
तो मंजिल तुम्हारे सामने झुकने के लिए तैयार हो जायेगी।
Festival Shayari

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

तेरा ATTITUDE मेरे सामने CHILLER है,
क्योंकि मेरी SMILE ही कुछ ज्यादा KILLER है।
~ अज्ञात
तेरा ATTITUDE मेरे सामने CHILLER है, क्योंकि मेरी SMILE ही कुछ ज्यादा KILLER है।

इक चुटकी भर चाँदनी इक चुटकी भर शाम
बरसों से सपने यही देखे यहाँ अवाम
~ Dinesh Shukla
इक चुटकी भर चाँदनी इक चुटकी भर शाम बरसों से सपने यही देखे यहाँ अवाम
Funny Shayari
अज्ञात

मुस्कुराते रहो जिंदगी में,
जो दर्द मिले उस पर बाम लगाते रहो!
~ अज्ञात

ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुमसे,
दिल लगाना तो जानता है पर भूलाना नहीं।
~ अज्ञात
ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुमसे, दिल लगाना तो जानता है पर भूलाना नहीं।

जमाने के लिए आज होली है,
मुझे तो तेरी यादे रोज रंग देती है……!!!
~ अज्ञात
जमाने के लिए आज होली है, मुझे तो तेरी यादे रोज रंग देती है……!!!

शान से हम तेरे दिल में रहेंगे,
तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे,
देख के जलेंगी हमे दुनिया सारी,
इस कदर बे-पनाह तुझे प्यार करेंगे……!!!
~ अज्ञात
शान से हम तेरे दिल में रहेंगे, तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे, देख के जलेंगी हमे दुनिया सारी, इस कदर बे-पनाह तुझे प्यार करेंगे……!!!

तेरी आवाज़ से प्यार है हमें,
इतना इज़हार हम कर नहीं सकते,
हमारे लिए तू उस खुदा की तरह है,
जिसका दीदार हम कर नहीं सकते……..!!!
~ अज्ञात
तेरी आवाज़ से प्यार है हमें, इतना इज़हार हम कर नहीं सकते, हमारे लिए तू उस खुदा की तरह है, जिसका दीदार हम कर नहीं सकते……..!!!

न जाने क्या कशिश है,
उनकी मदहोश आँखों में,
नज़र अंदाज़ जितना करो,
नज़र उन्हीं पे ही पड़ती है…….!!!
~ अज्ञात
न जाने क्या कशिश है, उनकी मदहोश आँखों में, नज़र अंदाज़ जितना करो, नज़र उन्हीं पे ही पड़ती है…….!!!
अज्ञात
“मुझे पता है, मैं तुम्हारा पहला प्यार नहीं था, लेकिन यकीन मानो, आखिरी था।”
View Shayariअज्ञात
पलकों के,, बंध तोड़ के, दामन पे गिर गया, एक अश्क मेरे ज़ब्त की तौहीन कर गया।
View ShayariFiraq Gorakhpuri
तुझ को पा कर भी न कम हो सकी बे-ताबी-ए-दिल इतना आसान तिरे इश्क़ का ग़म था ही नहीं
View Shayariअज्ञात
“दर्द तो है पर शिकायत नहीं, क्योंकि जिसे हमने दिल दिया, उसने कभी हमें दिल से चाहा ही नहीं।”
View Shayariअज्ञात
तुम मिटा सकते नहीं दिल से मिरा नाम कभी फिर किताबों से मिटाने की ज़रूरत क्या है
View Shayariअज्ञात
तुम्हारे बिना ये वक्त, ठहर सा गया है, जिंदगी का हर लम्हा, अधूरा सा लगा है।
View Shayariतुम्हें पा लेने के बाद एक और चाहत है मेरी,
तुम्हें पा लेने के बाद एक और चाहत है मेरी,
मैं जब भी जन्म लूँ, तुमसे ही प्यार करूँ।
सफर में था जो साथी मेरा, वो बेवफा निकला,
सफर में था जो साथी मेरा, वो बेवफा निकला, दर्द का ये सिलसिला, अब तक नहीं रुका।
अज्ञातन मुदारात हमारी न अदू से नफ़रत
न मुदारात हमारी न अदू से नफ़रत न वफ़ा ही तुम्हें आई न जफ़ा ही आई
बेखुद बदायुनीतेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया,
तेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया, मेरी जान छूटी इश्क़-ऐ-बवाल से…!!
अज्ञातमैं तेरी जिंदगी से चला जाऊं ये तेरी दुआ थी
मैं तेरी जिंदगी से चला जाऊं ये तेरी दुआ थी तेरी हर दुआ कबूल हो ये मेरी दुआ थी
अज्ञातवो कहती हैं
वो कहती हैं बहुत मजबूरियाँ हैं वक़्त की वो साफ़ लफ़्ज़ों में ख़ुद को बेवफ़ा नहीं कहती
अज्ञातमुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़,
मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़, गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो…!!
अज्ञातलड़के बेवफा नहीं होते वो बस
लड़के बेवफा नहीं होते वो बस Confuse होते हैं … की कौन सी वाली ज्यादा प्यारी है …
अज्ञात
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"