Author Details

Pen Name:'Ghalib'
Real Name:Mirza Asadullah Baig Khan
Born:27 Dec 1797 | Agra, Uttar pradesh
Died:15 Feb 1869 | Delhi, India
Legendary Urdu poet occupying a place of pride in worldwide literature. One of the most quotable poets having couplets for almost all situations of lifeLegendary Urdu poet occupying a place of pride in worldwide literature. One of the most quotable poets having couplets for almost all situations of life
ऐ फ़लक तुझ को क़सम है मिरी इस को न बुझा
कि ग़रीबों को चराग़-ए-शब-ए-तारीक है दिल
अगर कोई लड़की कभी भाई बोल दे तो घबराना मत,
एक थप्पड़ लगाकर बोलो इधर क्या कर रही हो घर जाओ!!
वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है
कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं
More Shayari
Motivational Shayari

शिद्दत-ए-तिश्नगी में भी ग़ैरत-ए-मय-कशी रही
उस ने जो फेर ली नज़र मैं ने भी जाम रख दिया
~ Ahmed Faraz
लोग कहते हैं बदलता है ज़माना सब को,
मर्द वो हैं जो ज़माने को बदल देते हैं।

शिद्दत-ए-तिश्नगी में भी ग़ैरत-ए-मय-कशी रही
उस ने जो फेर ली नज़र मैं ने भी जाम रख दिया
~ Ahmed Faraz
हौसले के तरकश में, कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख,
हार जा चाहे ज़िन्दगी में सब कुछ मगर फिर से जीतने की उम्मीद ज़िंदा रख।

शिद्दत-ए-तिश्नगी में भी ग़ैरत-ए-मय-कशी रही
उस ने जो फेर ली नज़र मैं ने भी जाम रख दिया
~ Ahmed Faraz
थोड़ा धीरज रख, थोड़ा ज़ोर लगाता रह,
किस्मत के जंग लगे दरवाज़े को खुलने में वक़्त लगता है।

शिद्दत-ए-तिश्नगी में भी ग़ैरत-ए-मय-कशी रही
उस ने जो फेर ली नज़र मैं ने भी जाम रख दिया
~ Ahmed Faraz
दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलती
ख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती
Festival Shayari

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

मुस्कान के सिवा कुछ न लाया
कर अपने चेहरे पर मेरी फिक्र
हार जाती है तेरी मायूसी देखकर।
~ अज्ञात
मुस्कान के सिवा कुछ न लाया कर अपने चेहरे पर मेरी फिक्र हार जाती है तेरी मायूसी देखकर।
“ज़िन्दगी का हर पल सुख दे आपको, दिन का हर लम्हा ख़ुशी दे आपको, जहाँ गम की हवा छू के भी ना गुजरे, खुदा वो ज़िन्दगी दे आपको! जन्मदिन की बधाई हो!!”
Funny Shayari
अज्ञात

भीड़ को कहते हैं रश,
आ जाए पसंद तो उसे कहते हैं क्रश!
~ अज्ञात

लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से
~ जाँ निसार अख़्तर
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से

तुम्हारा प्यार मेरे लिए वो राग है
जो मेरे दिल में बजता है,
वह लय है जो मेरी आत्मा में धड़कता है।
~ अज्ञात
तुम्हारा प्यार मेरे लिए वो राग है जो मेरे दिल में बजता है, वह लय है जो मेरी आत्मा में धड़कता है।

वो इत्र से खुद को लुभाती है इस कदर,
मैं तो उसके ख्यालो में ही महक जाता हूँ।
~ अज्ञात
वो इत्र से खुद को लुभाती है इस कदर, मैं तो उसके ख्यालो में ही महक जाता हूँ।

तू मोहब्बत होती तो शायद भुला देता,
साला ये दिल इबादत कर बैठा है।
~ अज्ञात
तू मोहब्बत होती तो शायद भुला देता, साला ये दिल इबादत कर बैठा है।

कुछ ऐसा अंदाज था उनकी हर अदा में,
के तस्वीर भी देखूँ उनकी तो खुशी तैर जाती है चेहरे पे……!!!
~ अज्ञात
कुछ ऐसा अंदाज था उनकी हर अदा में, के तस्वीर भी देखूँ उनकी तो खुशी तैर जाती है चेहरे पे……!!!
अज्ञात
कुछ फैसले जिंदगी में ऐसे होते हैं, जो दिल तोड़ जाते हैं, मगर जिंदगी को बदल देते हैं।
View Shayariअज्ञात
तू गया है मगर तेरी यादें साथ हैं, ये दिल अब भी तुझसे मिलने की आस में है।
View ShayariZafar Iqbal
इश्क़ उदासी के पैग़ाम तो लाता रहता है दिन रात लेकिन हम को ख़ुश रहने की आदत बहुत ज़ियादा है
View ShayariAitbar Sajid
पहले ग़म-ए-फ़ुर्क़त के ये तेवर तो नहीं थे रग रग में उतरती हुई तन्हाई तो अब है
View Shayariअज्ञात
“दिल की मोहब्बत में अक्सर धोखा ही मिलता है, क्योंकि कोई भी दिल से वफा नहीं करता।”
View Shayariअज्ञात
फिर उदासी का आलम हटा लिया है तुमने, आंखो मे उमड़े हुए आंसूबहा दिया है तुमने। पत्थर तराश ने का हुनर था लाजवाब तुजमे, फिर हंसहं ते हुए तारे को सजा लिया तुमने।।
View Shayariअज्ञात
तुम्हारे बिना ये जहां वीरान लगता है, जिंदगी का हर सफर बेजान लगता है।
View Shayariछोड़ना तो तुम मुझे पहले ही चाहते थे,
छोड़ना तो तुम मुझे पहले ही चाहते थे, बस तुम्हें एक बहाना चाहिए था…!!
अज्ञातचला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का
चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का सो आ गया है तुम्हारा ख़याल वैसे ही
अहमद फ़राज़दिल टूटा, ख्वाब बिखरे,
दिल टूटा, ख्वाब बिखरे, तेरी यादों में बस एक बेवफाई की दास्तां रह गई।
अज्ञातअब मैं तुम्हें कैसे समझाऊं,
अब मैं तुम्हें कैसे समझाऊं, की तुम्हारे बिना मैं मर तो सकता हूं, लेकिन जी नहीं सकता…!!
अज्ञातजिंदगी में कुछ इस तरह से,
जिंदगी में कुछ इस तरह से, रंग बदले हैं तूने कि, गिरगिट अगर तुम्हें देख ले, तो वह भी शरमा जाए…!!
अज्ञातमजनू अब इश्क़ करे तो कैसे करे
मजनू अब इश्क़ करे तो कैसे करे लैला अब ऐतबार के काबिल न रही”
अज्ञात
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Some Facts
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of people who read motivational Shayari feel a noticeable boost in their productivity and focus.
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Writing Shayari as a journaling exercise improved emotional intelligence by 25% in individuals over a six-month period.
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❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️
शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।

शायरी के फायदे:
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"













































