Author Details

Pen Name:'Shaharyar'
Real Name:Akhlaq Mohammed Khan Shahryar
Born:16 Jun 1936 | Bareilly, Uttar pradesh
Died:13 Feb 2012
Relatives:Athar Nafees (Uncle),
One of the most prominent modern Urdu poets and lyricist. Wrote songs for the movie "Umrao Jaan". Recipient of the Bhartiya Gyan Peeth award.One of the most prominent modern Urdu poets and lyricist. Wrote songs for the movie "Umrao Jaan". Recipient of the Bhartiya Gyan Peeth award.
परछाई कहा मिटती है
मिटता है तो इंसा इं न
जलके खाक हो जाता है
तन तब खडे हुए लोग बोलते राम
अभी आग़ाज़-ए-मोहब्बत है कुछ इस का अंजाम
तुझ को मालूम है ऐ दीदा-ए-नम क्या होगा
तुम जानो तुम को ग़ैर से जो रस्म-ओ-राह हो
मुझ को भी पूछते रहो तो क्या गुनाह हो
वो जब भी करते हैं इस नुत्क़ ओ लब की बख़िया-गरी
फ़ज़ा में और भी नग़्मे बिखरने लगते हैं
कुछ सोचने बैठता हु तो
तेरा ही ख्याल आता हैं
कुछ बोलना चाहता हु तो
तेरा ही नाम आ जाता हैं
कब तक छुपाऊ
अपने मन की बातो को
तेरी हर बात पर मुझे
प्यार आ जाता है
More Shayari
Motivational Shayari

अगर जिंदगी में सफलता पाना चाहते हो,
तो धैर्य को अपना सच्चा मित्र बना लो!
~ अज्ञात
जिसमे उबाल हो ऐसा खून चाहिए,
जीत के खातिर ऐसा जुनून चाहिए,
ये आसमान भी आएगा जमीन पर,
बस इरादों में ऐसी गूंज चाहिये!

अगर जिंदगी में सफलता पाना चाहते हो,
तो धैर्य को अपना सच्चा मित्र बना लो!
~ अज्ञात

अगर जिंदगी में सफलता पाना चाहते हो,
तो धैर्य को अपना सच्चा मित्र बना लो!
~ अज्ञात
जादा जादा छोड़ जाओ अपनी यादों के नुक़ूश,
आने वाले कारवाँ के रहनुमा बन कर चलो।

अगर जिंदगी में सफलता पाना चाहते हो,
तो धैर्य को अपना सच्चा मित्र बना लो!
~ अज्ञात
Festival Shayari

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

ये ग़म-कदा है इस में 'मुबारक' ख़ुशी कहाँ
ग़म को ख़ुशी बना कोई पहलू निकाल के
~ Mubarak Azimabadi
ये ग़म-कदा है इस में 'मुबारक' ख़ुशी कहाँ ग़म को ख़ुशी बना कोई पहलू निकाल के
ख्वाबो क बिछौना, खुशियों का चादर हो, दूआओ का आसमां, प्यार का सागर हो, जन्मदिन पर आपके है यही दुआ खुदा से, कि हर कहीं आपकी चर्चा, आपका आदर हो।
Funny Shayari
अज्ञात

ये कैसा अफवाह है भाई,
बीएफ मतलब बारवी फैल,
और जीएफ मतलब ग्यारविह फैल!
~ अज्ञात

रिश्ते निभाने के लिए मुलाकात जरूरी है,
इश्क़ करने के लिए आशिकाना बनना जरुरी है।
~ अज्ञात
रिश्ते निभाने के लिए मुलाकात जरूरी है, इश्क़ करने के लिए आशिकाना बनना जरुरी है।

दुनिया को खुशी चाहिए,
और मुझे हर खुशी में तुम !
~ अज्ञात
दुनिया को खुशी चाहिए, और मुझे हर खुशी में तुम !

कह दो अपने दांतों को, क़ि हद में रहें,
तेरे लबों पे बस मेरे लबों का हक़ है……!!!
~ अज्ञात
कह दो अपने दांतों को, क़ि हद में रहें, तेरे लबों पे बस मेरे लबों का हक़ है……!!!

अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो
न छेड़ूँगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो
~ अमीर मीनाई
अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो न छेड़ूँगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो

नदी को सागर से मिलने से ना रोको,
बारिस की बूंदों को धरती से मिलने से ना रोको,
जिन्दा रहने के लिए तुमको देखना जरुरी है,
मुझे तुम्हारा दीदार करने से ना रोको……!!!
~ अज्ञात
नदी को सागर से मिलने से ना रोको, बारिस की बूंदों को धरती से मिलने से ना रोको, जिन्दा रहने के लिए तुमको देखना जरुरी है, मुझे तुम्हारा दीदार करने से ना रोको……!!!
अज्ञात
आंखों में आंसू और दिल में दर्द लिए, हम आज भी तुम्हारे बिना जी रहे हैं।
View Shayariअज्ञात
मेरी खामोशी से कोई अंदाज़ा न लगा सका, कि इस टूटे दिल में कितना दर्द छुपा है।
View Shayariअज्ञात
हर किसी को नहीं मिलती यहां सच्ची खुशी, कई बार जिंदगी में बस ग़म ही हमारे साथी होते हैं।
View Shayariअज्ञात
“कभी सोचा नहीं था कि, जिसे कभी ना खोने की दुआ की थी, वही सबसे पहले छोड़ जाएगा।”
View Shayariइक उम्र तक मैं जिसकी जरुरत बना रहा,
इक उम्र तक मैं जिसकी जरुरत बना रहा, फिर यूँ हुआ कि उस की जरुरत बदल गई…!!
अज्ञाततेरे कहने पर छोड़ा है तुझे,
तेरे कहने पर छोड़ा है तुझे, दुनियाँ से ना कहना बेवफा हूँ मैं !
अज्ञाततेरे हुस्न पे तारीफों भरी किताब लिख देता,
तेरे हुस्न पे तारीफों भरी किताब लिख देता, काश तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती…!!
अज्ञातखता मत गिन इश्क़ में किसने क्या गुनाह किया
खता मत गिन इश्क़ में किसने क्या गुनाह किया इश्क़ एक नशा था तूने भी किया और मैंने भी किया
अज्ञाततूने छोड़ दिया उसका ज्यादा गम नहीं,
तूने छोड़ दिया उसका ज्यादा गम नहीं, पर तूने मेरे जिस्म और जज्बातो से खेला, इसका दुःख कोई कम नहीं…!!
अज्ञातमोहब्बत तो दिल से की थी मैंने
मोहब्बत तो दिल से की थी मैंने पर दिमाग उसने लगा दिया,,, बेवफा वो खुद थे और इल्जाम मुझ पर लगा दिया…
अज्ञातसर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा,
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा, इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा…!!
अज्ञातअरे बेपनाह मोहब्बत की थी हमने तुझसे ओ बेवफा,
अरे बेपनाह मोहब्बत की थी हमने तुझसे ओ बेवफा, तुझे दुःख दूं ये न होगा कभी खुद मर जाऊं यहीं ठीक है…!!
अज्ञात
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